UDP क्या है और UDP और TCP में क्या अंतर है?

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क्या आपको जानकारी है कि यह UDP क्या है? यह कैसे काम करता है? UDP और TCP में अंतर क्या है? अगर आप टेक्निकल फील्ड में इंटरेस्ट रखते है तो आपके लिए इन सब विषय के बारे में जानना बेहद जरूरी है। अगर आप भी इन सब विषय के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना चाहिए। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको UDP क्या है, UDP और TCP में अंतर क्या है? इन सब विषय के बारे में विस्तार से जानकारी देने का प्रयास करेंगे। तो चलिए अब अधिक देरी न करते हुए शुरू करते है।

UDP क्या है?

Table of Contents

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यह UDP एक प्रकार का कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल होता है। इस UDP का इस्तेमाल दो डिवाइस के बीच में डाटा और कन्वर्सेशन को आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है। इस UDP communication protocol को साल 1980 में David P Reed के द्वारा ही डेवलप किया गया था। यह UDP बिना किसी वायर या अन्य मीडियम के बिना के दो कंप्यूटर के बीच में कन्वर्सेशन को कैरी करता है।

Udp tcp

इस UDP को TCP के ऑप्शन के रूप ही माना जाता है। UDP के अंदर जब कोई डाटा शेयर किया जाता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि जिस फॉर्म में आपने उसे पैक करके शेयर किया उसी फॉर्म में वो रिसीवर को पहुंचे। UDP किस तरीके से काम करता है? यह जानने के लिए आपको आर्टिकल के निचले सेक्शन को ध्यान से पढ़ना चाहिए। Also Read: HDD और SSD में से कौन सा बेहतर होता है।

UDP की Full Form क्या है?

UDP की full form User Datagram Protocol हैं। इस UDP प्रोटोकॉल के द्वारा भेजा गया डाटा कई बार बीच रास्ते में ही नष्ट हो जाता है। UDP की खास बात यह है कि इसके अंदर डाटा ट्रांसमिशन की स्पीड काफी अधिक होती है। जिसके कारण डाटा ट्रांसफर करने के लिए कम bandwidth में भी काम हो जाता है।

UDP Header क्या होता है?

UDP Header के सिंपल ही हेडर होते है जिसमे 8 bytes मौजूद होते है। UDP पोर्ट की बात करे तो यह 16 Bit लंबे भी होते है। एक सिंपल पोर्ट के अंदर 0 से लेकर 65535 नंबर तक रखा जाता है। जिसमे से पहला 0 को रिजर्व्ड के रूप में रखा जाता है। UDP Header की बात करे तो इसमें 4 फील्ड होते है, Source Port- यह Source Port 2 Byte लंबा फील्ड होता है। इसका इस्तेमाल सोर्स के पोर्ट फील्ड की पहचान के लिए किया जाता है।

Destination Port- इस Destination Port को भी 2 Byte लंबा ही रखा जाता है। इस पोर्ट का इस्तेमाल डाटा पैकेज के डेस्टिनेशन की पहचान के लिए किया जाता है।

Length- यह लेंथ एक 16 बिट का फील्ड होते है। जो हेडर और डाटा के साथ साथ UDP की भी लेंथ है।

Checksum- यह भी 2 Byte लंबी फील्ड है। यह Checksum sender के द्वारा Data Packet को सेंड करने से पहले जेनरेट की गई Checksum Value को स्टोर भी करता है।

UDP कैसे काम करता है?

इस UDP की बात करे तो यह एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा को प्राप्त करने के लिए IP address का इस्तेमाल करता है। यह UDP डाटा को एक पैकेट के फॉर्म में कलेक्ट करता है। जिसे बाद UDP इसे अपने UDP Header में जोड़ता है।इस UDP डाटा में सोर्स और डेस्टिनेशन दोनो ही तरह के सोर्स होते है। इस UDP Data Transfer के समय हर पैकेज को लंबाई भी एक ही जैसी होती है। इस UDP Packet को IP के साथ जोड़कर डेस्टिनेशन के लिए सेंड कर दिया जाता है।

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UDP के फीचर्स क्या है?

इस UDP की विशेष बात यह है कि यह एक वायरलेस प्रोटोकॉल है। इसमें डाटा को शेयर करने के लिए किसी भी कनेक्शन की जरूरत नही होती है।UDP के द्वारा डाटा को काफी तेजी से ट्रांसफर किया जा सकता है।इस UDP की एक खास बात यह है कि यह आपके डाटा को डेस्टिनेशन तक पहुंचने की कोई गारंटी नहीं देता है।इस UDP का इस्तेमाल डाटा ट्रांसफर से बेस्ड प्रोटोकॉल जैसे DNS और BOOTP के नाम से किया जाता है।

UDP और TCP में अंतर क्या है?

UDP की फुल फॉर्म User Datagram Protocol है और इस TCP की फुल फॉर्म Transmission Control Protocol है।आपको UDP के अंदर डाटा को ट्रांसफर करने के लिए किसी भी तरह के कनेक्शन को क्रिएट नही करना होता है। आप इसमें डाटा को बिना किसी कनेक्शन के द्वारा शेयर कर सकते है।आपको TCP के द्वारा डाटा शेयर करने के लिए कनेक्शन क्रिएट करना होगा।

ऐसा इसलिए है क्योंकि TCP Connection Oriented Protocol है। आपको इस प्रोटोकॉल के अंदर डिवाइस ट्रांसफर करने वाले दो डिवाइस के बीच में कनेक्शन क्रिएट करना होगा।UDP Protocol के अंदर डाटा ट्रांसमिशन की स्पीड तेज़ होती है।इस TCP के अंदर UDP से डाटा ट्रांसफर करने की स्पीड धीमी होती है।UDP Protocol को लोग इतना रिलायबल प्रोटोकॉल नही मानते है।

यह TCP Protocol well renowned प्रोटोकॉल के रूप में जाना जाता है। UDP के हेडर की साइज की बात करे तो वो 8 Byte का होता है।इस TCP के हेडर की बात करे तो यह 20 Byte का होता है। UDP में जो भी डाटा डिलीवर होता है तो उसका कोई अरेंजमेंट नही होता है। इस TCP में डाटा के सीक्वेंस के रूप में शेयर किया जाता है।

इस UDP प्रोटोकॉल के अंदर डाटा ट्रांसमिशन की गारंटी नहीं होती है। यह TCP में डाटा डिलीवरी की पूरी तरह से गारंटी होती है। UDP का इस्तेमाल DNS, RIP, BOOTP जैसे प्रोटोकॉल में किया जाता है। इस TCP का इस्तेमाल HTTP, HTTPS, FTP, SMTP जैसे प्रोटोकॉल में किया जाता है।

UDP के फायदे क्या है?

इस UDP Protocol के द्वारा आप डाटा को जल्दी ट्रांसफर कर सकते है।UDP Protocol का इस्तेमाल करने के लिए आपको किसी भी तरह के कोई कनेक्शन की जररूत नही होती है।आप इस UDP के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम, चैट करने के समय भी करते है।

इस UDP के द्वारा ब्रॉडकास्ट का ट्रांसमिशन भी किया जाता है।आपको इस UDP Protocol को अधिक मेंटेन करने की जररूत नही होती है।आप इस UDP का इस्तेमाल करके बैंडविथ का काम प्रयोग करते है।

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UDP के नुकसान क्या है?

आप इस UDP को एक भरोसेमंद प्रोटोकॉल के रूप में नही मान सकते है। इस UDP Protocol के अंदर ऐसा कोई भी फीचर मौजूद नही है जो इस बात की जानकारी दे कि आपके पास कोई डाटा आया है या आपने जो डाटा भेजा है वो रिसीवर को प्राप्त हो गया है। इस UDP के अंदर आपको error का तो मालूम चल जाता है लेकिन Error को बिल्कुल भी स्पेसिफिक नही बताया जाता है कि यह error कहा पर आया है।

आपको खुद इस UDP Protocol के द्वारा प्राप्त हुए डाटा को खुद से पुनः संयोजित करना होगा। इस UDP Protocol के द्वारा सीक्वेंस ऊपर नीचे हो सकते है। UDP किसी भी डाटा ट्रांसफर में डाटा को पूरी तरह से सेंड करने की कोई गारंटी नहीं देता है।

निस्कर्ष

आज इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको UDP क्या है और UDP और TCP में क्या अंतर है? के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने का प्रयास करेंगे। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तो और परिवार के सदस्यों के साथ भी शेयर कर सकते है। वही अगर आपके मन में कोई सवाल आता है तो आप हमसे वो भी नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में संपर्क करके पूछे सकते है। धन्यवाद!

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F.A.Q.

Q- UDP को आसान भाषा में कैसे समझे?

Ans.- यह UDP के डाटा को ट्रांसफर करने का टूल है। यह काफी डाटा को ट्रांसफर कर सकता है। आप इस UDP प्रोटोकॉल को काफी जगह पर इस्तेमाल भी कर सकते है। केवल आपको इस प्रोटोकॉल में डाटा ट्रांसफर करने की गारंटी नहीं होती है। सब चीज केवल उम्मीदों पर ही टिकी होती है।

Q- UDP के हेडर का क्या साइज होता है?

Ans.- इस UDP के हेडर का साइज 8 Byte का होता है। यह UDP header 4 भागों में बंटा हुआ है। जिसे हम लोग Source Port, Destination Port, Length और Checksum के नाम से जानते है। यह सभी ही पार्ट 2-2 byte के होते है।

Q- UDP का इस्तेमाल कहाँ किया जाता है?

Ans.- UDP का इस्तेमाल DNS, RIP, BOOTP जैसे प्रोटोकॉल में किया जाता है।

Q-UDP को किसके द्वारा डेवलप किया गया है?

Ans.- UDP को साल 1980 में David P Reed के द्वारा ही डेवलप किया गया था।

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